अपने भाई की हीरो हूं मैं
पलक तिवारी की मां श्वेता तिवारी और उनके पिता राजा चौधरी का सालों पहले अलगाव हो गया था। उसके बाद पलक अपनी मां और भाई रेयांश के साथ पली-बढ़ी हैं। अपनी जिंदगी के प्राउड मोमेंट के बारे में वे कहती हैं, 'हम हमेशा सोचते हैं कि बच्चों के लिए उनके सुपर हीरो उनके पिता या कोई मर्द हो सकते है, मगर अपने छोटे भाई रेयांश के लिए असली हीरो मैं हूं। उसने हमारी मां और नानी के स्ट्रगल को भी देखा है और मुझे भी काफी छुटपन से देखा है, तो उसके लिए मैं बहुत अहमियत रखती हूं। मैं यही चाहती हूं कि मैं और स्ट्रॉन्ग बनूं और मेहनत से काम करूं और उसे और ज्यादा गर्व महसूस करें। आखिरकार मेरा भाई मेरे जिगर का टुकड़ा है।' वे आगे कहती हैं, 'लोग अक्सर लड़कियों के साथ होने वाली हीनता की बातें करते हैं, तो मैं खुद को उस स्थिति में आने ही नहीं देती। असल में मैं मर्दों से किसी तरह की उम्मीद ही नहीं रखती। वे हमें क्या ही समझ पाएंगे। हां, मैं औरतों से जरूर एक्पेक्ट करती हूं। औरतें, मर्दों की तुलना में ज्यादा इंटेलिजेंट होती हैं। मगर जब कोई महिला, महिला के बारे में गलत बोलती हैं, तब बुरा लगता है।'
मम्मी से सुनीं हैं भूत-प्रेत की कहानियां
बीते दिनों पलक अपनी हॉरर
फिल्म द भूतनी से चर्चा में रहीं पलक भूत-प्रेत में यकीन नहीं करतीं। वे कहती हैं, 'मेरे साथ भगवान की दया से कोई भूतिया अनुभव तो नहीं हुआ है और कामना करती हूं कि आगे भी न हो, मगर मैंने अपनी मम्मी (अभिनेत्री श्वेता तिवारी) से भूतों की बहुत-सी बाते सुनी है, जैसे मुकेश मिल्स (शूटिंग स्टूडियो) हॉन्टेड है। मम्मी बताती थीं कि अक्सर वहां की लाइट चली जाया करती थी। रात के 2-3 बजे कुछ न कुछ डरावना ज़रूर होता था। मम्मी कमालिस्तान स्टूडियो के बारे में भी बताती थीं अपने डरावने अनुभवों को लेकर। मधुबाला जी के बंगले को लेकर भी अफवाहें थी वहां कुछ डरावना था। मगर मैं इस बात पर यकीन करती हूं कि भगवान है, तो शायद शैतान न हो। अगर कोई भूत-प्रेत है भी, तो हो सकता है वो यहां थोड़ा समय बिता कर चला जाए। भूत अच्छे भी हो सकते हैं।'