इजराइल- ईरान में जारी संघर्ष के बीच भारत ने अपने नागरिकों को ईरान से निकालना शुरू कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि कुछ भारतीय नागरिकों को आर्मेनिया बॉर्डर के रास्ते देश से बाहर निकाला गया है।
इन छात्रों में ज्यादातर जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं, जो ईरान के उर्मिया शहर से MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं। दैनिक भास्कर ने ईरान से भारत लौट रहे दो छात्रों के पेरेंट्स से बात की। उन्होंने बताया कि भारतीय समय के अनुसार 16 जून की रात दो बजे छात्रों को यूनिवर्सिटी कैंपस से आर्मेनिया बॉर्डर तक लाया गया था।
कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले मोहम्मद शफी भट्ट ने बताया कि उनकी बेटी तय्यैबा शफी उर्मिया यूनिवर्सिटी में MBBS फाइनल ईयर की छात्रा है। उनकी बेटी उनसे लगातार संपर्क में है। हालांकि, आज बात नहीं हुई है। छात्रों के साथ भारतीय एंबेसी के अधिकारी हैं। सभी बुधवार को भारत पहुंच जाएंगे।
इसी तरह, कश्मीर के शोपियां के रहने वाले मोहम्मद अनवर भट्ट ने बताया कि उनकी अपनी बेटी कहकशां अनवर से कल ही बात हुई थी। कहकशां ईरान से बाहर आ गई है। कहकशां के पास ईरान का सिम है, इसलिए आज परिवार की बात नहीं हो सकी है।
इजराइल- ईरान में जारी संघर्ष के बीच भारत ने अपने नागरिकों को ईरान से निकालना शुरू कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि कुछ भारतीय नागरिकों को आर्मेनिया बॉर्डर के रास्ते देश से बाहर निकाला गया है।
इन छात्रों में ज्यादातर जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं, जो ईरान के उर्मिया शहर से MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं। दैनिक भास्कर ने ईरान से भारत लौट रहे दो छात्रों के पेरेंट्स से बात की। उन्होंने बताया कि भारतीय समय के अनुसार 16 जून की रात दो बजे छात्रों को यूनिवर्सिटी कैंपस से आर्मेनिया बॉर्डर तक लाया गया था।
कश्मीर के अनंतनाग के रहने वाले मोहम्मद शफी भट्ट ने बताया कि उनकी बेटी तय्यैबा शफी उर्मिया यूनिवर्सिटी में MBBS फाइनल ईयर की छात्रा है। उनकी बेटी उनसे लगातार संपर्क में है। हालांकि, आज बात नहीं हुई है। छात्रों के साथ भारतीय एंबेसी के अधिकारी हैं। सभी बुधवार को भारत पहुंच जाएंगे।
इसी तरह, कश्मीर के शोपियां के रहने वाले मोहम्मद अनवर भट्ट ने बताया कि उनकी अपनी बेटी कहकशां अनवर से कल ही बात हुई थी। कहकशां ईरान से बाहर आ गई है। कहकशां के पास ईरान का सिम है, इसलिए आज परिवार की बात नहीं हो सकी है।
छात्रों को आर्मेनिया बॉर्डर पर नॉरदुज चौकी से बसों से निकाला जा रहा है। ईरान में 1,500 स्टूडेंट्स सहित लगभग 10 हजार भारतीय फंसे हैं। ईरानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा हालात में देश के एयरपोर्ट भले ही बंद हैं, लेकिन लैंड बॉर्डर्स खुले हुए हैं।
विदेशी नागरिकों को ईरान छोड़ने से पहले राजनयिक मिशनों के जरिए ईरान के जनरल प्रोटोकॉल विभाग को अपना नाम, पासपोर्ट नंबर, गाड़ी डिटेल्स, देश से निकलने का समय और जिस बॉर्डर से जाना चाहते हैं, उसकी जानकारी पहले से देनी होगी।
तेहरान में हालात बिगड़े, शहर छोड़कर भागने लगे लोग
ईरान में बीते 5 दिनों से जारी इजराइली हमले से हालात काफी बिगड़ गए हैं। CNN के मुताबिक शहर के पेट्रोल पंपों पर कारों की लंबी-लंबी लाइनें लगने लगी हैं। लोग डरे हुए हैं और शहर छोड़कर बाहर जाने की कोशिश कर रहे हैं।
अधिकारियों के मुताबिक सिर्फ तेहरान में 200 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। एक शख्स ने रॉयटर्स को बताया कि कई बार कतार में लगने के बाद भी पेट्रोल मिलना मुश्किल हो रहा है, क्योंकि ईंधन की सप्लाई सीमित है।
तेहरान के एक निवासी ने कहा कि लोगों के पास बमबारी से बचने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं है। पूरे शहर में कोई शेल्टर नहीं है जहां लोग भागकर जान बचा सकें।
बहुत से लोग उत्तर की ओर कैस्पियन सागर की ओर जा रहे हैं, जो अपेक्षाकृत शांत और दूरदराज का इलाका है, लेकिन रास्ते इतने जाम हो चुके हैं कि वहां पहुंच पाना भी मुश्किल हो गया है।
इजराइल ने रविवार को चेतावनी दी थी कि जो लोग हथियार बनाने वाले इलाकों के पास रहते हैं, वे तुरंत वहां से निकल जाएं क्योंकि खतरा और बढ़ सकता है।